अवश्यं पितुराचारं पुत्रः समनुवर्तते |
नहि केतकवृक्षस्य भवत्यामलकीफलं || - महासुभषितसंग्रह -(३२७९)
अर्थ - अवश्य ही एक पुत्र अपने पिता के समान ही आचरण
(व्यवहार) करता है | क्या कभी केतक के वृक्ष में आंवाले के
वृक्ष के समान फल लगते हैं ?
( इस सुभाषित में समस्त प्राणिमात्र द्वारा एक पीढी द्वारा अपने
वंशानुगत गुणों को अगली पीढी को प्रदान करने की प्रवृत्ति को केतकी
और आंवले के वृक्षों की उपमा दे कर प्रतिपादित किया है |एक कहावत
भी है कि - 'बाप का बेटा सवार का घोडा, कुछ नहीं तो थोडा थोडा ' अर्थात
वंशानुगत गुण एक बाप से उसके पुत्र (संतान) को अवश्य प्राप्त होते हैं | )
Avashyam pituraacharam putrah samanuvartate.
Nahi ketakvrukshasya bhavatyaamalakeephalam.
Avashyam = certainly. Pituraacharam = pituh+aacharam.
Pituh = father. Aacharam.= behaviour/ Putrah = son.
Samanuvartate = conforms, similar to. Nahi = surely not.
Ketak = name of an indigenous tree producing fragrant
flowers. Vrukshasya = tree's. Bhavatyaamalakeephalam +
bhavati =aamalaki = phalam. Bhavati = happens.
Aamalaki = Indian gooseberry tree. Phalam = fruits.
i.e. Certainly a son 's behaviour is like that of his father.
Can a 'ketak' tree produce fruits like a gooseberry tree ?
(The above subhashita deals with the subject heredity i.e.
tendency of all sorts of organisms (including humans) to transmit
its nature to its descendants, by using the metaphor of a ketak
tree, which can not produce fruits like gooseberry tree.)
नहि केतकवृक्षस्य भवत्यामलकीफलं || - महासुभषितसंग्रह -(३२७९)
अर्थ - अवश्य ही एक पुत्र अपने पिता के समान ही आचरण
(व्यवहार) करता है | क्या कभी केतक के वृक्ष में आंवाले के
वृक्ष के समान फल लगते हैं ?
( इस सुभाषित में समस्त प्राणिमात्र द्वारा एक पीढी द्वारा अपने
वंशानुगत गुणों को अगली पीढी को प्रदान करने की प्रवृत्ति को केतकी
और आंवले के वृक्षों की उपमा दे कर प्रतिपादित किया है |एक कहावत
भी है कि - 'बाप का बेटा सवार का घोडा, कुछ नहीं तो थोडा थोडा ' अर्थात
वंशानुगत गुण एक बाप से उसके पुत्र (संतान) को अवश्य प्राप्त होते हैं | )
Avashyam pituraacharam putrah samanuvartate.
Nahi ketakvrukshasya bhavatyaamalakeephalam.
Avashyam = certainly. Pituraacharam = pituh+aacharam.
Pituh = father. Aacharam.= behaviour/ Putrah = son.
Samanuvartate = conforms, similar to. Nahi = surely not.
Ketak = name of an indigenous tree producing fragrant
flowers. Vrukshasya = tree's. Bhavatyaamalakeephalam +
bhavati =aamalaki = phalam. Bhavati = happens.
Aamalaki = Indian gooseberry tree. Phalam = fruits.
i.e. Certainly a son 's behaviour is like that of his father.
Can a 'ketak' tree produce fruits like a gooseberry tree ?
(The above subhashita deals with the subject heredity i.e.
tendency of all sorts of organisms (including humans) to transmit
its nature to its descendants, by using the metaphor of a ketak
tree, which can not produce fruits like gooseberry tree.)
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