Friday, 20 June 2014

Today's Subhashita.

अशनं मे वसनं मे जाया मे बन्धुवर्गे मे |
इति मेमेकुर्वाणं कालवृको हन्ति पुरुषाSजम् ||

अर्थ  -     घास चरते समय, अपने आश्रय स्थल पर , अपनी बकरी  और अन्य  बकरियों के साथ सदैव एक बकरा 'मैं मैं  ' ही करता है और अन्ततः समय रूपी भेडिया के हाथों मारा जाता है |
  
(इस संदर्भ में एक दोहा प्रसिद्ध है  - अजापुत्र 'मैं मैं "' करे ताहि गंवावत प्राण  |उससे तो  मैंना भली खाय दूध  मलीदा सान ||  इस का निहितार्थ यह्  है कि जो व्यक्त अहंकारी होता  है और सदा अपनी बढाई करता वह् अन्ततः उसका नाश हो जाता है |और जो विनम्र होता है वह् सुखी रहता है जैसे कि "मैना" पक्षी |  यह्  दोहा उपर्युक्त सुभाषित के आधार पर ही लिखा प्रतीत होता है | बकरा बहुत मैं मैं करता है और उसकी आवाज से आकर्षित हो कर भेडिया उसे मार देता है |  काल की उपमा इस  सुभाषित में एक भेडिये से की गयी है | )
  
Ashanam me vasanam me jaayaa me bandhvarge me. 
Iti meme kurvaanam kaalavruko hanti purushaajam.

Ashan = eating, food.   Me = the meying sound created by a goat.    Vasanam = attire, dwelling.
Jaaya = wife .      Bandhuvarge = relatives.    Iti =thus.    Memekurvaanam = Meme + kurvaanam.
Kurvaanam = making, doing.   Kaalabruko= Kaala + bruko.    Kaala = time,destiny,    Bruko = wolf.
Hanti = destroys.     Purushaajam = purusha +ajam.    Purusha = male.    Ajam = goat.

i.e.   While eating food,  dwelling, in the company of its consort and relatives, a he-goat always creates the sound of  'me me' and ultimately meets its death at the hands of destiny as a wolf.

(The author has played with the word 'Me' in this Subbhashita and emphasises that arrogance in the attitude of a he-goat leads to his untimely death either as a sacrificial animal or for its meat, because it always announces himself as Me Me.   Untimely death has been compared to a wolf, who, attracted by his meying
sound which attracts  a  wolf and  ultimately results  in its death  by the wolf. )

2 comments:

  1. जोशीजी,
    मै जब 9वी कक्षा मैं था तब ये श्लोक टेक्स बुक मैं आता था.
    तब ये श्लोक का अनुवाद ऐसे किया था की :

    आहार मेरा, वस्त्र मेरा, मेरी पत्नी, मेरे सम्बन्धी, ऐसे मेरा मेरा करते बकरा रूप मनुष्य, समय रूप भेड़िया का शिकार हो जाता है.
    यहाँ हमारा कुछ भी नहीं है फिर भी हम सारी जिंदगी मेरा मेरा करते रहते है.

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    1. जी, यही अनुवाद हमने भी गुजराती में पढ़ा था

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