गुरुः पिता गुरुर्माता गुरुर्देवो गुरुर्गतिः |
शिवेरुष्टे गुरुस्त्राता गुरौ रुष्टे न कश्चन ||
अर्थ - एक गुरु हमारे जन्मदाता पिता और माता के समान श्रद्धेय
तथा देवताओं के समान पूजनीय है | एक रक्षक और मार्गदर्शक के
रूप में वह् अन्तिम साधन है क्योंकि महादेव शिव भी यदि क्रुद्ध हो जाये
तो एक गुरु उनके क्रोध से रक्षा करने में सक्षम है | परन्तु यदि स्वयं
गुरु ही क्रोधित हो जाये तो फिर कोई भी रक्षक नहीं हो सकता है |
(भारतीय संस्कृति में गुरु की महिमा का सर्वत्र बखान किया गया है |\
उपर्युक्त सुभाषित भी इसी श्रेणी का है | तुलसीदास जी ने भी कहा है -
"राखइ गुरु जों कोप विधाता | गुरु विरोध नहिं कोउ जग त्राता || " )
Guruh pitaa gururmaataa gururdevo gururgatih .
Shiverushte gurustraataa Gurau rushte na kashchana.
Guru = A teacher (In Hindu culture a Guru is revered for his
self less service to the society for imparting knowledge and
guiding from commoners to kings without any discrimination).
Pitaa = father. Gururmaataa =guruh + maataa. Maata= mother.
Gururdevo - guruh +devo. Devo = God. Gururgatih =
guruh +gatih. Gatih = last resort, ultimate refuse Shiverushte =
shive +rushte. Shive = reference to God Shiva. Rushte = angry.
Gurustraataa = guruh +traataa. Traataa = protector. Na = not.
Kashchana = somebody. Na kashchana = nobody.
i.e. A Teacher is revered and worshiped like one's own parents
and Gods and acts as a last resort for guiding and protecting his
pupils. If God Shiva becomes angry a Guru is there to protect from
his wrath, but if a Guru himself becomes angry, there is nobody to
protect from his wrath.
शिवेरुष्टे गुरुस्त्राता गुरौ रुष्टे न कश्चन ||
अर्थ - एक गुरु हमारे जन्मदाता पिता और माता के समान श्रद्धेय
तथा देवताओं के समान पूजनीय है | एक रक्षक और मार्गदर्शक के
रूप में वह् अन्तिम साधन है क्योंकि महादेव शिव भी यदि क्रुद्ध हो जाये
तो एक गुरु उनके क्रोध से रक्षा करने में सक्षम है | परन्तु यदि स्वयं
गुरु ही क्रोधित हो जाये तो फिर कोई भी रक्षक नहीं हो सकता है |
(भारतीय संस्कृति में गुरु की महिमा का सर्वत्र बखान किया गया है |\
उपर्युक्त सुभाषित भी इसी श्रेणी का है | तुलसीदास जी ने भी कहा है -
"राखइ गुरु जों कोप विधाता | गुरु विरोध नहिं कोउ जग त्राता || " )
Guruh pitaa gururmaataa gururdevo gururgatih .
Shiverushte gurustraataa Gurau rushte na kashchana.
Guru = A teacher (In Hindu culture a Guru is revered for his
self less service to the society for imparting knowledge and
guiding from commoners to kings without any discrimination).
Pitaa = father. Gururmaataa =guruh + maataa. Maata= mother.
Gururdevo - guruh +devo. Devo = God. Gururgatih =
guruh +gatih. Gatih = last resort, ultimate refuse Shiverushte =
shive +rushte. Shive = reference to God Shiva. Rushte = angry.
Gurustraataa = guruh +traataa. Traataa = protector. Na = not.
Kashchana = somebody. Na kashchana = nobody.
i.e. A Teacher is revered and worshiped like one's own parents
and Gods and acts as a last resort for guiding and protecting his
pupils. If God Shiva becomes angry a Guru is there to protect from
his wrath, but if a Guru himself becomes angry, there is nobody to
protect from his wrath.
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