केवलं ग्रह नक्षत्रं न करोति शुभाशुभं |
सर्वमात्रकृतं कर्मं लोकवादो ग्रहा इति ||-
अर्थ - किसी व्यक्ति के जीवन में शुभ और अशुभ घटनायें उसके
द्वारा किये हुए कर्मों से होती हैं और केवल ग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव
से नहीं होती हैं जो कि समाज में व्याप्त एक गलत धारणा मात्र है |
(इस सुभाषित द्वारा लोगों को भाग्य पर आश्रित न रह कर सत्कर्म
करने के लिये प्रेरित किया गया है | गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी
कहा है कि - 'कायर मन कर एक अधारा | दैव दैव आलसी पुकारा |)
Kevalam graha nakshatram na karoti shubhaashubham.
Sarvanmaatrakrutam karmam lokavaado grahaah iti.
Kavelam = only/ Graha = planets/ Nakshatram =
Shubhaashubham = shubha +ashubham. Shubha = any
thing auspicious or good. Ashubham = inauspicious.
)= Sarva+maatra+ krutam. Saerva =
all. Maatra = only,sheer. Krutam = done Karmam =
action, work. Lokavaado = public perception, talk of
the society. Iti = this. that.
i.e. Auspicious and inauspicious events in the life of men
occur due to their actions and not simply due to the influence of
planets and stars as is the wrong perception in the society.
(This Subhashita exhorts people not to leave every thing to their
fate and perform virtuous deeds in their life.)
सर्वमात्रकृतं कर्मं लोकवादो ग्रहा इति ||-
अर्थ - किसी व्यक्ति के जीवन में शुभ और अशुभ घटनायें उसके
द्वारा किये हुए कर्मों से होती हैं और केवल ग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव
से नहीं होती हैं जो कि समाज में व्याप्त एक गलत धारणा मात्र है |
(इस सुभाषित द्वारा लोगों को भाग्य पर आश्रित न रह कर सत्कर्म
करने के लिये प्रेरित किया गया है | गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी
कहा है कि - 'कायर मन कर एक अधारा | दैव दैव आलसी पुकारा |)
Kevalam graha nakshatram na karoti shubhaashubham.
Sarvanmaatrakrutam karmam lokavaado grahaah iti.
Kavelam = only/ Graha = planets/ Nakshatram =
Shubhaashubham = shubha +ashubham. Shubha = any
thing auspicious or good. Ashubham = inauspicious.
)= Sarva+maatra+ krutam. Saerva =
all. Maatra = only,sheer. Krutam = done Karmam =
action, work. Lokavaado = public perception, talk of
the society. Iti = this. that.
i.e. Auspicious and inauspicious events in the life of men
occur due to their actions and not simply due to the influence of
planets and stars as is the wrong perception in the society.
(This Subhashita exhorts people not to leave every thing to their
fate and perform virtuous deeds in their life.)
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