अन्यक्षेत्रे कृतं पापं पुण्यक्षेत्रे विनश्यति |
पुण्यक्षेत्रे कृतं पापं वज्रलेपो भविष्यति || -संस्कृत सुभाषितानि
भावार्थ - अन्य स्थानों में किये गये पापकर्मों (धर्म द्वारा
निषिद्ध कार्यों ) का दुष्प्रभाव तीर्थ स्थानों में किये गये पुण्यकार्यों
के प्रभाव से नष्ट हो जाता है | परन्तु तीर्थ स्थानों मे किये गये
पापकर्मों का दुष्प्रभाव वज्रलेप (वर्तमान संदर्भ में जमा हुआ सीमेंट )
के समान चिरस्थायी होता है (और ऐसे पापों का फल भोगना ही पडता
है ) |
(इस सुभाषित के माध्यम से लोगों को सदाचरण करने के लिये
प्रेरित किया गया है | तुलसीदास जी ने भीराम-रावण युद्ध के प्रसंग में
एक उपमा के माध्यम से इसी विषय को बडी सुन्दरता पूर्वक इस तरह
व्यक्त किया है :- "तब् रघुपति रावण के सीस भुजा सर चाप |
काटे बहुत बढे पुनि जिमि तीरथ कर पाप | ")
Anyakshetre krutam paapam punyakshetre vinashyati.
Punyakshtre krutam paapam vajralepo bhavishyati.
Anyakshetre = at other places. Krutam = done. Paapam =
sinful deeds. Punyakshetre = at a holy place. Vinsasyati =
gets destroyed. Vajralepo = hard mortar like Cement now
a dats, Bhavishati = becomes.
i.e. One can get himself absolved from sins committed by him
at other places by doing the pilgrimage of holy places. But if
he commits sins at a holy places its ill -effect is permanent like
the hardened cement ( and such sins can never be absolved).
पुण्यक्षेत्रे कृतं पापं वज्रलेपो भविष्यति || -संस्कृत सुभाषितानि
भावार्थ - अन्य स्थानों में किये गये पापकर्मों (धर्म द्वारा
निषिद्ध कार्यों ) का दुष्प्रभाव तीर्थ स्थानों में किये गये पुण्यकार्यों
के प्रभाव से नष्ट हो जाता है | परन्तु तीर्थ स्थानों मे किये गये
पापकर्मों का दुष्प्रभाव वज्रलेप (वर्तमान संदर्भ में जमा हुआ सीमेंट )
के समान चिरस्थायी होता है (और ऐसे पापों का फल भोगना ही पडता
है ) |
(इस सुभाषित के माध्यम से लोगों को सदाचरण करने के लिये
प्रेरित किया गया है | तुलसीदास जी ने भीराम-रावण युद्ध के प्रसंग में
एक उपमा के माध्यम से इसी विषय को बडी सुन्दरता पूर्वक इस तरह
व्यक्त किया है :- "तब् रघुपति रावण के सीस भुजा सर चाप |
काटे बहुत बढे पुनि जिमि तीरथ कर पाप | ")
Anyakshetre krutam paapam punyakshetre vinashyati.
Punyakshtre krutam paapam vajralepo bhavishyati.
Anyakshetre = at other places. Krutam = done. Paapam =
sinful deeds. Punyakshetre = at a holy place. Vinsasyati =
gets destroyed. Vajralepo = hard mortar like Cement now
a dats, Bhavishati = becomes.
i.e. One can get himself absolved from sins committed by him
at other places by doing the pilgrimage of holy places. But if
he commits sins at a holy places its ill -effect is permanent like
the hardened cement ( and such sins can never be absolved).
No comments:
Post a Comment