Sunday, 18 February 2018

आज का सुभाषित / Today's Subhashita.


चातकः  स्वाSनुमानेन  जलं  प्रार्थयतेSम्बुदात्  |
स  स्वोदारतया  सर्वां  प्लावयत्यम्बुना  महीम्  ||
                         - सुभाषित रत्नाकर (शार्ङ्गधर )

भावार्थ -      चातक पक्षी तो अपनी आवश्यकता के अनुमान के
अनुसार  बादलों से जल प्रदान करने  की प्रार्थना करता है , परन्तु
बादल अपनी उदारता के कारण संपूर्ण  पृथ्वी को ही जलप्लावित
कर देते हैं  |

(प्रस्तुत सुभाषित भी एक 'मेघान्योक्ति ' है |  लाक्षणिक रूप से इसका
तात्पर्य यह है कि किसी भी वस्तु का आवश्यकता से अधिक होना भी
विपत्तिकर  होता है जैसे कि अतिवृष्टि से पृथ्वी में बाढ की विपत्तिकर
स्थिति  उत्पन्न हो जाती है |   ऐसी  मान्यता है कि चातक पक्षी स्वाति
नक्षत्र में हुई वर्षा का ही जल पीता है  अर्थात उसकी जल की आवश्यकता
सीमित  है | अतिवृष्टि के कारण बाढ की स्थिति न केवल चातक के लिये
हानिकारक  है  परन्तु कृषि के लिये भी है |

Chaatakah svaanumaanna jalam praarthayatembudaat.
Sa  svodaaratayaa sarvaam plaavayatymbunaa  maheem.

Chaatakah =name of a bird . (There is a folk lore that this bird
quenches its thirst only from the rain  falling on the Earth only
during a particular lunar position called 'Svaati nakshatra'.)
Svaanumaanena = sva + anumaanena.   Sva = one's own.
Anumaanena =guess, deduction.   Jalam =water.   Praarthayate=
makes a request.   Ambudaat = from the clouds.   Sa = he. (cloud)
Svodaaratayaa = sva + udaaratayaa.   Udaaratayaa = liberally.
Sarvaam =  entire.    Plaayatyambunaa = plaavayati+ambunaa. 
Plaavayati = inundates. Ambunaa = with water. Maheem = Earth.

i.e.    The 'Chatak' bird requests the clouds to provide him very
little amount of water according to his meagre requirement, but
the clouds by being very liberal inundate the entire Earth with
water.

(This Subhashita is also an allegory called "Meghaanyokti" i.e.
using clouds as a metaphor.  The requirement of water varies
from person to person. If there is too much rain floods are created,
which are harmful not only for the Chatak but also for agriculture.
So, the underlying idea is that too much of rain is  also disastrous.)

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