Friday, 28 September 2018

आज का सुभाषित / Today's Subhaashita.


गते  शोको  न  कर्तव्यो  भविष्यं  नैव   चिन्तयेत्  |
वर्तमानेन  कालेन  वर्तयन्ति  विचक्षणाः               ||
                                      - चाणक्य नीति  (१३/२/)

भावार्थ  -     जो समय बीत गया है उसके बारे में शोक नहीं करना
चाहिये और न हीं भविष्य में  क्या होगा इस बात की चिन्ता करनी
चाहिये |  बुद्धिमान और अनुभवी व्यक्ति  केवल वर्तमान परिस्थिति
के अनुसार ही जीवनयापन  करते हैं  |

Gatey  shoko  na  kartavyo  bhavishyam  naiva  chintayet.
Vartmaanena kaalena  vartayanti  vichakshnaah.

Gatey =  past.    Shoko = sorrow.   Na = not.    Kartavyo =
that should be done.    Bhavishyam = future.   Naiva= not
Chintayet = should worry about.    Vartmaanena = present.
Kaalenan = time.    Vartayanti = live on.   Vichakshanaah =
wise and  experienced  persons.

i.e.    We should neither  feel  sorry about what has already
happened in the past  nor unnecessarily worry about  what
will happen in future,  Wise and  experienced persons  live
life as per the demands of  present prevailing conditions.


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