करोति निर्मलाSSधारस्तुच्छस्यापि महर्घताम् |
अम्बुनो बिन्दुरल्पोSपि शुक्तौ मुक्ताफलं भवेत् ||
अर्थ - साधारण और तुच्छ वस्तुऐं भी निर्मल वस्तुओं का आधार प्राप्त होने के कारण मूल्यवान हो जाती है जैसे कि एक साधारण पानी की बूंद एक सीपी के अन्दर प्रविष्ट हो कर एक मूल्यवान मोती बन जाती है |
(ऐसी मान्यता है कि विशेष ग्रह-नक्षत्रों के योग के समय यदि वर्षा की बूंदें एक सीपी के अन्दर प्रविष्ट होती हैं तो कालान्तर मे वे अमूल्य मोती के रूप मे परिवर्तित हो जाती हैं | इसी मान्यता को एक उपमा के रूप में प्रयुक्त कर सुभाषितकार ने यह् तथ्य प्रतिपादित किया है कि सज्जन और निर्मल स्वभाव के व्यक्तियों द्वारा संरक्षण प्राप्त होने से तुच्छ व्यक्ति भी सम्मानित हो जाते हैं |)
Karoti nirmalaadhaarastuchcchasyaapi maharghataam.
Ambuno binduralpopi shuktau muktaaphalam bhavet.
Karoti = does. Nirmalaadhaarastucchasyaapi = nirmal +aadhaarh +tucchasya +api.
Nirmal = unsullied, shining. Aadharah = support. Tucchasya = insignificant, trifling.
Api = even. Maharghataam = preciousness, high value. Ambuno =water's/
Binduralpopi = Bindu +alpo +api. Bindu = a drop. Alpo = very small.
Shuktau = oysters. Muktaphalam = pearls. Bhavet = become.
i..e. Even very insignificant things acquire prominence and high value in association with other
pure and unsullied things e.g. a small drop of water falling inside an oyster shell becomes a precious pearl.
(It is believed that when drops of rain enter the oyster shell during a particular stellar position,it after some time turns into a precious pearl. This legend has been used as a simile to emphasise the fact that by the patronage of noble and righteous persons, even ordinary persons attain prominence
in the society.)
अम्बुनो बिन्दुरल्पोSपि शुक्तौ मुक्ताफलं भवेत् ||
अर्थ - साधारण और तुच्छ वस्तुऐं भी निर्मल वस्तुओं का आधार प्राप्त होने के कारण मूल्यवान हो जाती है जैसे कि एक साधारण पानी की बूंद एक सीपी के अन्दर प्रविष्ट हो कर एक मूल्यवान मोती बन जाती है |
(ऐसी मान्यता है कि विशेष ग्रह-नक्षत्रों के योग के समय यदि वर्षा की बूंदें एक सीपी के अन्दर प्रविष्ट होती हैं तो कालान्तर मे वे अमूल्य मोती के रूप मे परिवर्तित हो जाती हैं | इसी मान्यता को एक उपमा के रूप में प्रयुक्त कर सुभाषितकार ने यह् तथ्य प्रतिपादित किया है कि सज्जन और निर्मल स्वभाव के व्यक्तियों द्वारा संरक्षण प्राप्त होने से तुच्छ व्यक्ति भी सम्मानित हो जाते हैं |)
Karoti nirmalaadhaarastuchcchasyaapi maharghataam.
Ambuno binduralpopi shuktau muktaaphalam bhavet.
Karoti = does. Nirmalaadhaarastucchasyaapi = nirmal +aadhaarh +tucchasya +api.
Nirmal = unsullied, shining. Aadharah = support. Tucchasya = insignificant, trifling.
Api = even. Maharghataam = preciousness, high value. Ambuno =water's/
Binduralpopi = Bindu +alpo +api. Bindu = a drop. Alpo = very small.
Shuktau = oysters. Muktaphalam = pearls. Bhavet = become.
i..e. Even very insignificant things acquire prominence and high value in association with other
pure and unsullied things e.g. a small drop of water falling inside an oyster shell becomes a precious pearl.
(It is believed that when drops of rain enter the oyster shell during a particular stellar position,it after some time turns into a precious pearl. This legend has been used as a simile to emphasise the fact that by the patronage of noble and righteous persons, even ordinary persons attain prominence
in the society.)
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