निर्वनो बध्यते व्याघ्रो निर्व्याघ्रो छिद्यते वनं |
तस्माद्व्याघ्रो वनं रक्षेत् वनं व्याघ्रं न पालयेत् ||
अर्थ - यदि वन (जंगल) न होंतो व्याघ्र (तथा अन्य हिंसक पशु भी रहने के लिये स्थान न मिलने के कारण मनुष्यों की आबादी में आने को बाध्य होने के कारण) मारा जाता है और यदि जंगल में व्याघ्र न होंतो मनुष्यों द्वारा जंगल काट दिये जाने से नष्ट हो जाता है | अतएव वास्तव में व्याघ्र वन की रक्षा करता है न कि वन व्याघ्र का पालन करता है |
( इस सुभाषित द्वारा हिंसक वन्य पशुओं की वनों में उपस्थिति तथा उनके सहअस्तित्व के महत्त्व को प्रतिपादित किया गया है | यदि उनका डर न हो तो मनुष्य के लिये वनों को नष्ट करना सहज हो जाता | )
Nirbano badhyate vyaaghro nirvyaaghro chidyate vanam,
Tasmaadvyaaghro vanam rakshet vanam vyaaghram na paalayet.
Nirbano = having no forest. Badhyate = get killed. Vyaghro = a tiger.
Nirvyaaghro = without a tiger. Chidyate = be cut. Vanam = a forest.
Tasmadvyaaghro = tasmat +vyaghro. Tasmat = therefore. Rakshet = protects.
Na = not. Paalayet = maintains, guards.causes to preserve.
i.e. If there are no forests then tigers (and also other dangerous wild animals forced to wander into human habitations) get killed. At the same time if there are no tigers (and other dangerous wild animals) in a forest, then the forest is also in danger of being cut. Therefore, it is the tiger that protects the forest and not that the forest sustains the tiger.
( This Subhashita underlines the interdependence of wild animals and forests in a forceful way.and indirectly emphasises the role of wild animals in the preservation of forests.)
तस्माद्व्याघ्रो वनं रक्षेत् वनं व्याघ्रं न पालयेत् ||
अर्थ - यदि वन (जंगल) न होंतो व्याघ्र (तथा अन्य हिंसक पशु भी रहने के लिये स्थान न मिलने के कारण मनुष्यों की आबादी में आने को बाध्य होने के कारण) मारा जाता है और यदि जंगल में व्याघ्र न होंतो मनुष्यों द्वारा जंगल काट दिये जाने से नष्ट हो जाता है | अतएव वास्तव में व्याघ्र वन की रक्षा करता है न कि वन व्याघ्र का पालन करता है |
( इस सुभाषित द्वारा हिंसक वन्य पशुओं की वनों में उपस्थिति तथा उनके सहअस्तित्व के महत्त्व को प्रतिपादित किया गया है | यदि उनका डर न हो तो मनुष्य के लिये वनों को नष्ट करना सहज हो जाता | )
Nirbano badhyate vyaaghro nirvyaaghro chidyate vanam,
Tasmaadvyaaghro vanam rakshet vanam vyaaghram na paalayet.
Nirbano = having no forest. Badhyate = get killed. Vyaghro = a tiger.
Nirvyaaghro = without a tiger. Chidyate = be cut. Vanam = a forest.
Tasmadvyaaghro = tasmat +vyaghro. Tasmat = therefore. Rakshet = protects.
Na = not. Paalayet = maintains, guards.causes to preserve.
i.e. If there are no forests then tigers (and also other dangerous wild animals forced to wander into human habitations) get killed. At the same time if there are no tigers (and other dangerous wild animals) in a forest, then the forest is also in danger of being cut. Therefore, it is the tiger that protects the forest and not that the forest sustains the tiger.
( This Subhashita underlines the interdependence of wild animals and forests in a forceful way.and indirectly emphasises the role of wild animals in the preservation of forests.)
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