आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने |
जन्मान्तरसहस्रेषु दारिद्र्यं नोपजायते || - महासुभषितसंग्रह (४७२३)
अर्थ - जो व्यक्ति प्रतिदिन 'सूर्य नमस्कार ' करते हैं ,वे हजारों जन्मान्तर
तक (इस जन्म में तथा भविष्य मे हजारों वर्षों तक ) कभी भी दरिद्र (धन
हीन ) नहीं होते हैं |
(सूर्य नमस्कार दस यौगिक क्रियाओं के एक समूह को कहते हैं जिसे प्रातः काल
सूर्योदय के समय सूर्य की ओर् दृष्टि कर के सम्पन्न किया जाता है | इस से
शरीर निरोग रहता है | इसी की उपयोगिता को अतिशयोक्ति के द्वारा इस
सुभाषित में व्यक्त किया गया है | )
Aadityasya namaskaaram ye kurvanti dine dine.
Janmaantarasahreshu daaridryam nopajaayate.
Aadityasya = of the Sun. Namaskaaram = offering of respect
with a certain pose. Ye = thiose persons. Kurvanti = do.
perform. Dine dine = day by day. Janmaantar = future life.
Sahasreshu = thousands. Daaridryam = poverty. Nopajaayate=
na+upajaayate. Na = not. Upajaayate = happens, occurs.
i.e. Those persons who perform 'Soorya Namaskaar' every day,
never face poverty in their future life (as also the present life) for thousands
of years .
"Soorya Namaskaar" is a set of 10 Yogic postures , which is to be
performed evary day in the morning facing the rising Sun ,which
results in overall mental physical development. Its utility has been
highlighted in this Subhashita using a hyperbole.)
जन्मान्तरसहस्रेषु दारिद्र्यं नोपजायते || - महासुभषितसंग्रह (४७२३)
अर्थ - जो व्यक्ति प्रतिदिन 'सूर्य नमस्कार ' करते हैं ,वे हजारों जन्मान्तर
तक (इस जन्म में तथा भविष्य मे हजारों वर्षों तक ) कभी भी दरिद्र (धन
हीन ) नहीं होते हैं |
(सूर्य नमस्कार दस यौगिक क्रियाओं के एक समूह को कहते हैं जिसे प्रातः काल
सूर्योदय के समय सूर्य की ओर् दृष्टि कर के सम्पन्न किया जाता है | इस से
शरीर निरोग रहता है | इसी की उपयोगिता को अतिशयोक्ति के द्वारा इस
सुभाषित में व्यक्त किया गया है | )
Aadityasya namaskaaram ye kurvanti dine dine.
Janmaantarasahreshu daaridryam nopajaayate.
Aadityasya = of the Sun. Namaskaaram = offering of respect
with a certain pose. Ye = thiose persons. Kurvanti = do.
perform. Dine dine = day by day. Janmaantar = future life.
Sahasreshu = thousands. Daaridryam = poverty. Nopajaayate=
na+upajaayate. Na = not. Upajaayate = happens, occurs.
i.e. Those persons who perform 'Soorya Namaskaar' every day,
never face poverty in their future life (as also the present life) for thousands
of years .
"Soorya Namaskaar" is a set of 10 Yogic postures , which is to be
performed evary day in the morning facing the rising Sun ,which
results in overall mental physical development. Its utility has been
highlighted in this Subhashita using a hyperbole.)
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