Wednesday, 20 January 2016

Today' s Subhashita.

दुर्वासप्रभृतीनां  च ब्रह्मतत्वविदामपि  |
क्रोधस्यैव प्रसादेन नानाविपदभूत्खलु  ||  -सुभाषित रत्नाकर

अर्थ -     ब्रह्मतत्त्व (परमेश्वर ) के सभी रहस्यों के विशेषज्ञ
दुर्वासा तथा अन्य की ऋषियों को भी उनके क्रोधी स्वभाव के कारण
निश्चय ही अनेक विपत्तियों का सामना करना पडा था |

(उपर्युक्त सुभाषित भी 'क्रोध निन्दा '  शीर्षक के अन्दर संकलित
है |  इस में महर्षि दुर्वासा का केवल संदर्भ दिया गया है | पुराणों  में
अनेक कथाओ में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान  है | वे अत्यन्त क्रोधी
स्वभाव के थे तथा साधारण बात पर भी क्रोधित  हो कर श्राप देने
के लिये प्रसिद्ध थे |  एक बार उन्होने विष्णु भक्त राजा अम्बरीश
को भी शाप दे कर कृत्या नामक राक्षसी राजा को मारने के लिये
प्रकट की | परन्तु विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन चक्र से उसे मार
दिया और सुदर्शन चक्र दुर्वासा ऋषि को ही मारने के लिये उनके पीछे
पड गया और उनके क्षमा मागने पर विष्णु भगवान  ने अपना चक्र
वापस ले  लिया |   तात्पर्य यह्  है कि जब् क्रोध के  कारण महान्
व्यक्तियों की ऐसी दुर्दशा हो सकती है तो साधारण व्यक्तियों का
क्या कहना | )

Durvaasaprabhruteenaam cha Brahmataatvavidaamapi.
Krodhasyaiva prasaadena  Naanaavipadabhootkhalu.

Durvaasaprabhruteenaam = Durvaas + prabhruteenaam.
Durvaas =  reference to a famous sage named Durvqsaa
in Hindu Mythology.  He was known for his short temper
and  giving a 'Shraap' (curse) to people even on very petty
matters.   There are many episodes of  his angry behaviour
in various Puranas.  He, however, had to face ignominy
when he cursed King Ambareesh, a devotee of Lord Vishnu.
The curse backfired on Durvaas and ultimately he had to
pray Lord Vishnu to forgive him. (Refer to wikipedia for
detailed story.)    Brahn=matatvavidaam = persons who
has true knowledge of  Brahma i.e. Supreme God.
Api = even/     Krodhasyaiva.= only due to the anger= ..
Prasaadena =  as a result of .   Naanaa +vipat+ bhoot +
khalu.   Naanaa = various types of.  Vipat = calamities/
Bhoot = happen.    Khalu = surely, definitely.

i.e.      Even the famous sage Durvaasa and many other  sages,
who were well versed in the knowledge of "Brahma Tatva"
i.e. Supreme God, had to face many calamities  as a result of
their angry nature.(what to say about ordinary people).


   
  

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