Friday, 16 March 2018

पुराणों में वर्णित 'समुद्र मन्थन' का नवीनतम संस्करण |

       आजकल समाचार्पत्रों तथा टीव्ही पर पंजाब् नेशनल बैक में हुई धोखाधडी
की ही चर्चा जोरों पर है | इस संदर्भ में तुलसीकृत रामायण का यह अंश दृष्टव्य है :-
    " जिमि सरिता सागर महुं  जाहीं | जद्द्यपि ताहि कामना नाहिं |
       तिमि सुख संपति बिनहिं बोलायें धरमशील पाहीं जाहिं सुभायें ||
       चूंकि अब कलियुग आ गया है इसका ठीक उलटा हो रहा है | ईमानदार और 
साधारण जनता द्वारा बचाया हुआ धन सरकारी बैकों  रूपी नदियों के द्वारा काले 
धन रूपी समुद्र में पहुंच कर  माल्या , नीरव, कोठारी जैसे  'अधर्मी ' लोगों के पास 
स्वतः  ही चला जा रहा है |    
       इसी से दुःखित हो कर भारतीय रिजर्व बैक के गवर्नर महोदय का एक बयान 
कल के समाचार पत्रों में छपा है, जिस में उनकी पीडा झळकती है कि वे कुछ नहीं 
कर पाये और उन्हें अधिक अधिकारों की आवश्यकता है | हर सरकारी बैक में कई
सरकार द्वारा नियुक्त निदेशक होते हैं | उनकी योग्यता का बखान करना तो सूरज 
को दीपक दिखाने के समान है | रिजर्व  बैक के अधिकारी भी निदेशक नियुक्त होते है |
इलाहाबाद बैक में नियुक्त एक ऐसे ही निदेशक श्री दुबे जी ने इन तथाकथित निदे-
शकों की पोल खोल दी है |  उनका कार्य तो दावतें  खाना और  दलाली करना ,जी हुजूरी 
करना भर ही रह गया है |
       अब रिजर्व बैक के गवर्नर कह रहे हैं कि सारे राष्ट्रीयकृत बैक मिल कर एक समुद्र 
समान हैं और जैसे पुराणों में वर्णित  देवताओं और दानवों ने मिल कर 'समुद्र मन्थन' 
किया था वैसे ही यहां भी इस बैकों के डूबे हुए लाखों करोड रुपयों का मन्थन वे 'मेरु पर्वत'
की तरह मथानी बन कर करेंगे  और उस प्रक्रिया में जो 'हलाहल; विष निकलेगा उसे  वे 
भगवान शिव की तरह वे पीने के लिये प्रस्तुत हैं |
         इस रूपक को हम  यदि आगे बढाये तो मथानी की रस्सी कौन बनेगा , देवता पक्ष  
और दानव पक्ष कौन  होंगे , विष के अतिरिक्त जो 'रत्न' , अश्व, हाथी , लक्ष्मी आदि 
निकलेंगे ,उनका  स्वामित्व किस के पास होगा , अमृत का वितरण कौन करेगा  आदि ? 
इन सारे  प्रश्नों का उत्तर मन्थन करने से पहले देना होगा |  रत्न आदि तो अब क्या निकलेंगे .
वे तो पहले ही 'साफ़्' कर लिये गये होंगे ) कूडा कर्कट ही अधिक निकलेगा | 
         अतः आगामीं महीनों में जनता को  इस नये 'समुद्रमन्थन' को देखने का 'सुअवसर '
प्राप्त होगा |  समाचार चैनलों  की अब पांचों अन्गुलियां घी में और सिर कढाई में रहेगा 
और मन्थन करने वालों की  पैंतरेबाजी  देखने लायक होगी  |
          यदि आप 'समुद्रमन्थन' के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो कृपया इन्टरनेट
पर इस  लिंक का उपयोग करें और अपनी ज्ञानवृद्धि  करें :- 
            https://hi.wikipedia.org/wiki/समुद्र_मन्थन 
           समस्त  बैकों के जमा खाता धारकों को  शुभ कामनाओं सहित  |                                                                                  

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