Saturday, 19 May 2018

आज का सुभाषित / Today's Subhashita.


मनसा  चिन्तितं  कार्यं  वाचा  नैव प्रकाशयेत्  |
मन्त्रेण रक्षयेद्गूढं  कार्ये  चापि  नियोजयेत्    ||   
                                  -  चाणक्य नीति ( 2/7 )

भावार्थ -    यदि अपने मन में किसी कार्य को सम्पन्न  करने का
विचार कर रहे हो तो उसे अपने वचनों के द्वारा किसी को नहीं
बताना चाहिये तथा  उस विचार को गुप्त रख कर उसे निष्ठा पूर्वक
सम्पन्न करना चाहिये |

Manasaa chintitam kaaryam vaachaa naiva prakaashayet.
Maantrena rakshayedgoodham kaarye  chaapi  niyojayet.

Manasaa = in the mind.   Chintitam = thought of or imagined.
Kaaryam = action, business.    Vaachaa = verbally.    Naiva=
never.    Prakaashayet = annoounce.    Mantrena = by resolve.
Rakshyet = protect.    Goodham = secret.  Cha= and.    Api=
even.      Niyojayet  = accomplish.

i.e.    If you are thinking of accomplishing a task or doing some
business,  do  not tell about your plan  to anybody , keep it as  a
secret and  accomplish it resolutely.

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