Tuesday, 17 July 2018

आज का सुभाषित / Today's Subhashita.



अनुलोमेन  बलिनं  प्रतिलोमेन  दुर्जनम्   |
आत्मतुल्यबलं  शत्रुं  विनयेन  बलेन  वा   ||
                          = चाणक्य नीति (७/१० )

भावार्थ -   बलवान व्यक्तियों से सकारात्मक (नम्र )व्यवहार
करना चाहिये तथा दुष्ट व्यक्तियों से इसके विपरीत  (दृढ )
व्यवहार करना चाहिये |  यदि कोई शत्रु अपने ही समान बलवान
हो तो उससे वर्तमान परिस्थिति का आकलन कर तदनुसार नम्र
व्यवहार या बल प्रयोग के द्वारा वश में करना चाहिये |

Anulomena balinam  pratilomena durjanam.
Aatmatulyabalam shatrum vinayena  balena vaa.

Anulomena = in a positive  manner.    Balinam =
powerful people.   Pratilomena = in the reversed
order i.e. firmly     Durjanam = wicked persons. 
Aatma+tulya+ balam.    Aatma = self.    Tulya =
equally.    Balam = power, strength.    Shatrum =
enemy.     Vinayena= with courtesy.     Balena =
with power.    Vaa = or.

i.e.     Powerful persons should be treated courteously
in a positive manner, and wicked persons very firmly
in just  the opposite manner .  If the enemy possesses
power equal to yours then he should be treated with
courtesy or very firmly depending upon the prevailing
circumstances.


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