वरं न राज्यं न कुराज राज्यं
वरं न मित्रं न कुमित्र मित्रं |
वरं न शिष्यो न कुशिष्य शिष्यो
वरं न दारं न कुदारदारः || चाणक्य नीति (६/१३)
भावार्थ - एक बुरी तरह शासित राज्य (देश) में निवास करने
से तो यही श्रेयस्कर है कि ऐसे राज्य में रहा ही न जाय | एक
दुष्ट मित्र होने से तो यही श्रेयस्कर है कि कोई मित्र ही न हो |
एक गुरु के लिये अयोग्य शिष्यों को शिक्षित करने से तो यही
श्रेयस्कर है कि उसके कोई शिष्य ही न हों | एक बुरी स्त्री का
पति होने से तो किसी व्यक्ति के लिये यही श्रेयस्कर है कि
उसकी कोई पत्नी ही न हो |
Varam na raajyam na kuraaja raajyam.
Varam na mitram na kumitra mitram.
Varam na shishyo na kushishya shishyo.
Varam na daaram na kudaaradaarah.
Varam = preferable. Na = not. Raajyam = a Country.
Kuraaj = badly governed. Mitram = a friend. Kumitra=
a bad friend. Shishyo = pupils. kushishy = a bad pupil.
Daaram = a wife. Kudaar = a bad wife.
i.e. Instead of living in a badly governed Country, it is
preferable not to live in such a a country. Instead of having
a bad and unreliable friend, it is preferable not to have any
friend. Likewise, instead of having bad and incompetent pupils,
a Teacher should better not have any pupils, and instead of
having an ill-mannered and bad wife, a person should better
not have a wife.
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Thanks for this.
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