Wednesday, 1 February 2017

आज का सुभाषित / Today's Subhashita.


सत्येनोत्पद्यते  धर्मो  दयादानैर्विवर्धते  |
क्षमया स्थाप्यते धर्मः क्रोधलोभैर्विनश्यति || - महासुभाषितसंग्रह(६४८५)

भावार्थ -    धर्म की उत्पत्ति सत्य के अनुपालन से होती है और प्राणिमात्र के
प्रति दया की भावना और दानशीलता से उसकी वृद्धि होती है |क्षमाशीलता की
भावना से धर्म भली प्रकार स्थापित हो जाता है परन्तु क्रोध तथा लोभ करने
से धार्मिकता नष्ट हो जाती है |

(साधारणतः धर्म का अर्थ लोग देवी देवताओं की पूजा और प्रार्थना से लगाते हैं |
परन्तु इस से हट कर आचरण की शुद्धता , सच बोलना , दया की भावना , लोभ
लोभ न करना आदि धर्म के दस लक्षण कहे गये हैं जो इस प्रकार हैं -
          धृति क्षमा दमोस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रह: |
          धीर्विद्या सत्यमक्रोधो  दशकं धर्म लक्षणम्   ||
अर्थात धैर्य,क्षमा, तप, अस्तेय (चोरी न करना ), शौच, इन्द्रियनिग्रह, भक्ति, विद्या.
सच बोलना और  क्रोध न करना, ये दस लक्षण धर्म के कहे गये हैं |  इसी भावना को
इस सुभाषित में व्यक्त किया गया है | )

Satyenotpadyate dharmo dayaadaanairvivardhate.
Kshamayaa sthaapyate dharmah krodhalobhairvinashyati.

Satyenotpadyate = satyena + utpadyate,    Satyena = By the Truth.
Utpadyate = originates.    Dharmo = Religion, religious and moral
merit,    Dayaadaanairvivardhate = dayaa +daanaih +vivardhate.
Dayaa= compassion,sympathy.  Daanaih = giving away as charity.
Kshamayaa = endurance, forgineness.   Sthaapyate = founded,
well settled.         Krodhalobhairvinashyati = krodha +lobhaih+
vinashyati.    Krrodha = anger.    Lobhaih = greed.   Vinashyati =
destroyed, annihilated .

i.e.     Religion (religious merit) originates from speaking the truth
and it grows in strength by compassion and charity and becomes
well settled by endurance and forgiveness. However, religiosity is
destroyed by anger and greed.

(According to Sanatan Dharma its definition is very wide and does
not mean merely by going to temples and worshiping various Gods.
It is a way of life by adopting 10 virtues namely, patience, forgiveness,
courage, not indulging in theft, body hygiene, control over sensory
organs, intelligence, learning, truthfulness, being cool headed i.e.not
being angry).


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