एकत्रापि हते जन्तौ पापं भवति दारुणं |
न सूक्ष्मानेकजन्तूनां घातिनो मधुपस्य किं || - महासुभषितसंग्रह
भावार्थ - केवल एक ही प्राणी का वध करने से ही भयंकर पाप होता
है तो क्या मदिरा पान से अचेतन हुए व्यक्तियों द्वारा अनेक बहुत ही
सूक्ष्म प्राणियों (कीडे आदि) को (अनजाने ही )मारने पर उन की कैसी
दशा होती होगी ?
(मदिरा पान के फलस्वरूप लोगों का विवेक नष्ट हो जाता है और वे
जाने अनजाने पापकर्मों मे लिप्त हो जाते है | इस सुभाषित में मद्यपान
के दुश्परिणामों को ही व्यक्त किया गया है | )
Ekatraaapi hate jantau paapam bhavati daarunam.
Na sookshmaanekajantoonaaam ghaatino madhupasya kim.
Ekatraapi = ekatra +api. Ekatra = only one. Api = even.
Hate = killing. Jantau = creature, Paapam = sin. Bhavati =
becomes, happens. Daarunam = severe, dreadful. Na = not.
Sookshmaanekajantoonaam = sookshma + anek + jantoonaam.
Sookshma = minute, very small. Anek = many. Jantoonaam=
creatures. Ghaatino = killers, murderers. Madhupasya =
drunkard's. Kim = what ?
i.e. Even killing one creature is a severe and dreadful sin. So
what will happen to a drunkard who unknowingly kills numerous
very small creatures (insects etc) ?
(Use of liquor creates imbalance of mind and a drunkard commits
sins unknowingly. This Subhashita thus indirectly discourages the
consumption of liquor.)
न सूक्ष्मानेकजन्तूनां घातिनो मधुपस्य किं || - महासुभषितसंग्रह
भावार्थ - केवल एक ही प्राणी का वध करने से ही भयंकर पाप होता
है तो क्या मदिरा पान से अचेतन हुए व्यक्तियों द्वारा अनेक बहुत ही
सूक्ष्म प्राणियों (कीडे आदि) को (अनजाने ही )मारने पर उन की कैसी
दशा होती होगी ?
(मदिरा पान के फलस्वरूप लोगों का विवेक नष्ट हो जाता है और वे
जाने अनजाने पापकर्मों मे लिप्त हो जाते है | इस सुभाषित में मद्यपान
के दुश्परिणामों को ही व्यक्त किया गया है | )
Ekatraaapi hate jantau paapam bhavati daarunam.
Na sookshmaanekajantoonaaam ghaatino madhupasya kim.
Ekatraapi = ekatra +api. Ekatra = only one. Api = even.
Hate = killing. Jantau = creature, Paapam = sin. Bhavati =
becomes, happens. Daarunam = severe, dreadful. Na = not.
Sookshmaanekajantoonaam = sookshma + anek + jantoonaam.
Sookshma = minute, very small. Anek = many. Jantoonaam=
creatures. Ghaatino = killers, murderers. Madhupasya =
drunkard's. Kim = what ?
i.e. Even killing one creature is a severe and dreadful sin. So
what will happen to a drunkard who unknowingly kills numerous
very small creatures (insects etc) ?
(Use of liquor creates imbalance of mind and a drunkard commits
sins unknowingly. This Subhashita thus indirectly discourages the
consumption of liquor.)
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