कः पुष्पजातिं सुरभिं विधत्ते कश्चन्दनं वै शिशिरी करोति |
कः प्रार्थयेद्भानुमिह प्रकाशो साधुस्तथा स्वेन परोपकारी ||
महासुभषितसंग्रह(८२९६)
भावार्थ - वह कौन है जो विभिन्न जातियों के पुष्पों में सुगन्ध
उत्पन्न करता है , चन्दन को शीतलता प्रदान करता है, प्रार्थना
करने पर सूर्य के द्वारा इस पृथ्वी को प्रकाशित करता है, स्वयं
अत्यन्त दयालु और परोपकारी है ?
(इस सुभाषित में लाक्षणिक रूप से प्रश्नों के माध्यम से इस सृष्टि
के रचयिता परमेश्वर की सत्ता का गुणगान किया गया है | इसी
भावना को श्री व्ही० शान्तराम की हिन्दी फ़िल्म 'बूंद जो बन गयी
मोती' में श्री भरत व्यास द्वारा लिखित तथा श्री सतीश भाटिया द्वारा
स्वरबद्ध एक गीत के द्वारा जिस के बोल हैं - "ये कौन चित्रकार है? "
में व्यक्त किया गया है | इस गीत की लिंक U Tube पर यह है :-
https://www.youtube.com/watch?v=K9b63nSt9jY
आपसे अनुरोध है कि इस सुन्दर गीत को अवश्य देखें | )
Kah pushpajaatim surabhim vidhatte kshchandanam vai
shishiree karoti.
Kah praarthayedbhaanumiha prakaasho,Saadhustathaaa
svena paro[akaaree .
Kah = who ? Pusahpajaatim = various types of flowers.
Surabhim = fragrance. Vidhatte= creates. Kashchandanam=
Kah + chandanam. Chandaanam = Sandalwood, Shishiree=
coolness. Karoti = does, provides. Praarthayedbhaanumiha=
Praarthayet + bhaanum +iha. Praarthayet= by requesting.
Bhaanum = the Sun. Iha = this world. Pralaashjo =light.
Saadhustathaa= saadhuh+tathaa. Saadhuh = noble Tattha=
and. Svena =sva+ ena. Sva = self. Ena = this, that.
Paropakaaree = benevolent, helping others.
i.e. Who is the creator of fragrance in flowers of various
colours and shapes, and who has provided coolness in the
sandalwood and on being requested has provided Light in this
world through the Sun, and is very benevolent and kind ?
(Through this Subhashita the author has indirectly praised
the benevolence and kindness of God Almighty to all living
beings on this Earth. All this is explained beautifully in a
Hindi film song, whose link on U Tube is given above. The
song is worth listening.)
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