आजगाम यदा लक्ष्मीर्नारिकेलफलाम्बुवत् |
निर्जगाम यदा लक्ष्मीर्गजभुक्तकपित्थवत् || - महासुभषितसंग्रह (४४७१)
अर्थ - धन और संपत्ति जब किसी व्यक्ति के पास आती है तो वह
वह् नारियल वृक्ष के फल के अन्दर भरे हुए मीठे जल की तरह (अदृश्य
रूप से ) आती है | परन्तु जब वह् पलायन करती है तो वैसे ही नष्ट हो जाती
है जिस तरह एक हाथी द्वारा अपना पेट भरनेके लिये एक वृक्ष नष्ट हो
जाता है |
(इस सुभाषित में धन संपत्ति के आने और जाने को प्रतीकात्मक रूप मे
उसकी अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी के आगमन और निर्गमन के रूप में
व्यक्त किया गया है |}
Aajagaama yadaa Lakshmeer-naarikela-phalaambuvat.
Nirjagaama yadaa Lakshmeer-gajabhukta-kapitthavat.
Aajagaama = arrives, comes. Yadaa = when, Lakshmeeh+
naarikela*phala + ambuvaat = Naarikelaphalaambuvat.
Lakshmeeh = the Goddess of Riches (here reference to the
process of getting rich) Narikela = coconut tree. Phala =
fruit. Ambuvat = like the water. Nirjagaama = departs.
Gajabhuktakapitthavat = gaja+ bhukta +kapittha +vat.
Gaja = an elephant. Bhukta = eaten. Kapitthavat =a tree.
Vat = like a.
i.e. Whenever wealth accumulates with a person it is just like the
sweet water collected inside the fruits of a Coconut tree, but when
it departs it is like a tree devastated by an elephant for feeding him.
(In this Subhashita becoming rich and poor has been symbolized by
the arrival and departure of Lakshmi, the goddess of Wealth in Hindu
Religion..)
निर्जगाम यदा लक्ष्मीर्गजभुक्तकपित्थवत् || - महासुभषितसंग्रह (४४७१)
अर्थ - धन और संपत्ति जब किसी व्यक्ति के पास आती है तो वह
वह् नारियल वृक्ष के फल के अन्दर भरे हुए मीठे जल की तरह (अदृश्य
रूप से ) आती है | परन्तु जब वह् पलायन करती है तो वैसे ही नष्ट हो जाती
है जिस तरह एक हाथी द्वारा अपना पेट भरनेके लिये एक वृक्ष नष्ट हो
जाता है |
(इस सुभाषित में धन संपत्ति के आने और जाने को प्रतीकात्मक रूप मे
उसकी अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी के आगमन और निर्गमन के रूप में
व्यक्त किया गया है |}
Aajagaama yadaa Lakshmeer-naarikela-phalaambuvat.
Nirjagaama yadaa Lakshmeer-gajabhukta-kapitthavat.
Aajagaama = arrives, comes. Yadaa = when, Lakshmeeh+
naarikela*phala + ambuvaat = Naarikelaphalaambuvat.
Lakshmeeh = the Goddess of Riches (here reference to the
process of getting rich) Narikela = coconut tree. Phala =
fruit. Ambuvat = like the water. Nirjagaama = departs.
Gajabhuktakapitthavat = gaja+ bhukta +kapittha +vat.
Gaja = an elephant. Bhukta = eaten. Kapitthavat =a tree.
Vat = like a.
i.e. Whenever wealth accumulates with a person it is just like the
sweet water collected inside the fruits of a Coconut tree, but when
it departs it is like a tree devastated by an elephant for feeding him.
(In this Subhashita becoming rich and poor has been symbolized by
the arrival and departure of Lakshmi, the goddess of Wealth in Hindu
Religion..)